Hanuman Vashikaran and Beej Mantra Meditation

In this post, I have described the benefits of Meditation on the Hanuman Beej Mantra and a Most Powerful Shabar Hanuman Mantra that is chanted while having a bath in order make your personality radiant, magnetic, and attractive and thus cast a Vashikaran Spell on everyone.

This Hanuman Mantra also makes the practitioner dashing, flamboyant and courageous and his rivals, enemies and other unfriendly people will not dare to cross his path or create problems for him.

The Vidhi of practicing this Shabar Hanuman Vashikaran Mantra Experiment has been given below:

1] This as per the Tantric Text is a Svyam Siddh that does not need to be Mastered by chanting it for a specified number of Mantra Chants.

2] The Mantra Prayog can be started on any day, Tuesday is a preferred day. All that should be done is to chant the Hanuman Vashikaran Mantra given below while having your bath.

मंत्र
ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमंताय दुष्टदमनाय वशीकराय फट स्वाहा ||
Mantra
Om Hreem Hreem Hreem Hanumantaaya Dushtadamanaaya Vashikaraaya Fatt Swaha ||

3] The effects of this Hanuman Vashikaran Mantra will be visible in a very short period of time depending upon the belief and confidence with which the Mantra Sadhana is practiced by the practitioner.

Note- The Hindi language video of this Hanuman Vashikaran Mantra can be seen on our YouTube Channel – Mahashaktishali Hanuman Vashikaran Mantra 

Hanuman Vashikaran and Beej Mantra Meditation

Meditation upon the Hanuman Beej Mantra

Ham – हं along with Froum - फ्रौं is one of the two Beej Mantras that have been attributed to Hanuman.

In Kundalini Yoga, the Ham Beej Mantra is also the Beej Mantra of the Vishuddha or Throat Chakra, which is associated with the Akash Tatva. It is also the Secret Beej Mantra of Chandra Dev or the Moon God.

Meditating upon the Ham Beej Mantra will bless the practitioner with Vacha Siddhi or the power to make the spoken word or promise turn true.

This Beej Mantra has among other benefits the ability to make the voice of the practitioner hypnotic, commanding, and enchanting and thus enable him to attract everyone with the sheer power of his voice.

The Meditation should be done for about 10 minutes daily by sitting comfortably and chanting the Ham Beej Mantra verbally. This enables the frequencies of the Beej Mantra to activate the Throat Chakra.

Note- The Hindi language video of this Hanuman Beej Mantra Meditation can be seen on our YouTube Channel – Apne Awaj Me Prachand Akarshan Shakti Laane Ka Hanuman Beej Mantra

Comments

  1. jai hanuman jai sri ram! how many times should you chant? 2) how many days does prayoga last? 3) only in the morning or in the evening too?

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  2. "कल्याण "के जनवरी १९७५ श्री हनुमान अंक में "हनुमन्मंत्रचमत्कारानुष्ठान पद्धति "लेख प्रकाशित हुआ था। इसमें २० मन्त्र हैं ,जो अत्यंत महत्वपूर्ण और सिद्धिप्रदा बताये गए हैं। प्रत्येक मन्त्र का ग्यारह-ग्यारह हजार बार रुद्राक्ष की माला पर हनुमानजी मंदिर में ब्रह्मचर्य पूर्वक जप करने से सभी मन्त्र सिद्ध हो जाते हैं। सिद्धि के बाद उनका प्रयोग करने पर कठिन से कठिन कार्य सुसाध्य हो जाते हैं।
    (१) ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, वायु-सुताय, अञ्जनी-गर्भ-सम्भूताय, अखण्ड-ब्रह्मचर्य-व्रत-पालन-तत्पराय,
    धवली-कृत-जगत्-त्रितयाय, ज्वलदग्नि-सूर्य-कोटि-समप्रभाय, प्रकट-पराक्रमाय, आक्रान्त-दिग्-मण्डलाय,
    यशोवितानाय, यशोऽलंकृताय, शोभिताननाय, महा-सामर्थ्याय, महा-तेज-पुञ्जः-विराजमानाय, श्रीराम-
    भक्ति-तत्पराय, श्रीराम-लक्ष्मणानन्द-कारणाय, कवि-सैन्य-प्राकाराय, सुग्रीव-सख्य-कारणाय, सुग्रीव-
    साहाय्य-कारणाय, ब्रह्मास्त्र-ब्रह्म-शक्ति-ग्रसनाय, लक्ष्मण-शक्ति-भेद-निवारणाय, शल्य-विशल्यौषधि-
    समानयनाय, बालोदित-भानु-मण्डल-ग्रसनाय, अक्षकुमार-छेदनाय, वन-रक्षाकर-समूह-विभञ्जनाय, द्रोण-
    पर्वतोत्पाटनाय, स्वामि-वचन-सम्पादितार्जुन, संयुग-संग्रामाय, गम्भीर-शब्दोदयाय, दक्षिणाशा-मार्तण्डाय,
    मेरु-पर्वत-पीठिकार्चनाय, दावानल-कालाग्नि-रुद्राय, समुद्र-लंघनाय, सीताऽऽश्वासनाय, सीता-रक्षकाय,
    राक्षसी-संघ-विदारणाय, अशोक-वन-विदारणाय, लंका-पुरी-दहनाय, दश-ग्रीव-शिरः-कृन्त्तकाय, कुम्भकर्णादि-
    वध-कारणाय, बालि-निर्वहण-कारणाय, मेघनाद-होम-विध्वंसनाय, इन्द्रजित-वध-कारणाय, सर्व-शास्त्र-
    पारंगताय, सर्व-ग्रह-विनाशकाय, सर्व-ज्वर-हराय, सर्व-भय-निवारणाय, सर्व-कष्ट-निवारणाय, सर्वापत्ति-
    निवारणाय, सर्व-दुष्टादि-निबर्हणाय, सर्व-शत्रुच्छेदनाय, भूत-प्रेत-पिशाच-डाकिनी-शाकिनी-ध्वंसकाय, सर्व-
    कार्य-साधकाय, प्राणि-मात्र-रक्षकाय, राम-दूताय-स्वाहा।।
    (२) ॐ नमो हनुमते, रुद्रावताराय, विश्व-रुपाय, अमित-विक्रमाय, प्रकट-पराक्रमाय, महा-बलाय, सूर्य-कोटि-
    समप्रभाय, राम-दूताय-स्वाहा।।
    (३) ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय राम-सेवकाय, राम-भक्ति-तत्पराय, राम-हृदयाय, लक्ष्मण-शक्ति-भेद-
    निवारणाय, लक्ष्मण-रक्षकाय, दुष्ट-निबर्हणाय, राम-दूताय स्वाहा।।
    (४ )ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्व-शत्रु-संहारणाय, सर्व-रोग-हराय, सर्व-वशीकरणाय, राम-दूताय स्वाहा।।
    (५) ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, आध्यात्मिकाधि-दैविकाधि-भौतिक-ताप-त्रय-निवारणाय, राम-दूताय स्वाहा।।
    (६) ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, देव-दानवर्षि-मुनि-वरदाय, राम-दूताय स्वाहा।।
    (७) ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, भक्त-जन-मनः-कल्पना-कल्पद्रुमाय, दुष्ट-मनोरथ-स्तम्भनाय, प्रभञ्जन-
    प्राण-प्रियाय, महा-बल-पराक्रमाय, महा-विपत्ति-निवारणाय, पुत्र-पौत्र-धन-धान्यादि-विविध-सम्पत्-प्रदाय, राम-दूताय स्वाहा।।
    (८) ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, वज्र-देहाय, वज्र-नखाय, वज्र-मुखाय, वज्र-रोम्णे, वज्र-नेत्राय, वज्र-दन्ताय, वज्र-कराय, वज्र-भक्ताय, राम-दूताय स्वाहा।।
    (९) ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, पर-यन्त्र-मन्त्र-तन्त्र-त्राटक-नाशकाय, सर्व-ज्वरच्छेदकाय, सर्व-व्याधि-
    निकृन्त्तकाय, सर्व-भय-प्रशमनाय, सर्व-दुष्ट-मुख-स्तम्भनाय, सर्व-कार्य-सिद्धि-प्रदाय, राम-दूताय स्वाहा।।
    (१०) ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, देव-दानव-यक्ष-राक्षस-भूत-प्रेत-पिशाच-डाकिनी-शाकिनी-दुष्ट-ग्रह-बन्धनाय, राम-दूताय स्वाहा।।
    (११) ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, पँच-वदनाय पूर्व-मुखे सकल-शत्रु-संहारकाय, राम-दूताय स्वाहा।।
    (१२) ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, पञ्च-वदनाय दक्षिण-मुखे कराल-वदनाय, नारसिंहाय, सकल-भूत-प्रेत-दमनाय, राम-दूताय स्वाहा।।
    (१३) ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, पञ्च वदनाय पश्चिम-मुखे गरुडाय, सकल-विष-निवारणाय, राम-दूताय स्वाहा।।
    (१४) ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, पञ्च वदनाय उत्तर मुखे आदि-वराहाय, सकल-सम्पत्-कराय, राम-दूताय स्वाहा।।
    (१५) ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, उर्ध्व-मुखे, हय-ग्रीवाय, सकल-जन-वशीकरणाय, राम-दूताय स्वाहा।
    (१६) ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, सर्व-ग्रहान, भूत-भविष्य-वर्त्तमानान्- समीप-स्थान् सर्व-काल-दुष्ट-
    बुद्धीनुच्चाटयोच्चाटय पर-बलानि क्षोभय-क्षोभय, मम सर्व-कार्याणि साधय-साधय स्वाहा।।
    (१७) ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, पर-कृत-यन्त्र-मन्त्र-पराहंकार-भूत-प्रेत-पिशाच-पर-दृष्टि-सर्व-विध्न-तर्जन-
    चेटक-विद्या-सर्व-ग्रह-भयं निवारय निवारय स्वाहा।।
    (१८) ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, डाकिनी-शाकिनी-ब्रह्म-राक्षस-कुल-पिशाचोरु-भयं निवारय निवारय स्वाहा।।
    (१९) ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, भूत-ज्वर-प्रेत-ज्वर-चातुर्थिक-ज्वर-विष्णु-ज्वर-महेश-ज्वर निवारय निवारय स्वाहा।।
    (२०) ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, अक्षि-शूल-पक्ष-शूल-शिरोऽभ्यन्तर-शूल-पित्त-शूल-ब्रह्म-राक्षस-शूल-
    पिशाच-कुलच्छेदनं निवारय निवारय स्वाहा।।

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  3. Does Fraum beej mantra increase physical strength?

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