tag:blogger.com,1999:blog-2564199165524168562.post1930783261692199872..comments2024-03-28T09:03:36.449+05:30Comments on Prophet666 : Mantra to protect your life from enemiesUnknownnoreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-2564199165524168562.post-265942971943618842012-05-17T16:31:36.353+05:302012-05-17T16:31:36.353+05:30जैसे जैसे कलयुग और काला होता जा रहा है मनुष्य अपनी...जैसे जैसे कलयुग और काला होता जा रहा है मनुष्य अपनी परेशानियों से दुखी न हो के दूसरो के सुख से ज्यादा दुखी है. ऐसे समय हमें खुद ही अपनी रक्षा करने कि जरूरत महसूस होती है. सर आपका बहुत बहुत शुक्रिया जो आप हमें नए नए रक्षा मन्त्रों का ज्ञान देते हैं. <br /><br />आप समय समय पे अलग अलग मन्त्रों का ज्ञान हमें कराते आये हैं जो कि अलग अलग स्रोतों से लिए गए हैं जैसे कि अग्नि पुराण, शाबर मंत्र आदि. मेरा प्रश्न ये है कि क्या अलग अलग स्रोतों से लिए मन्त्रों का उच्चारण हानिकारक तो नहीं.?. जैसे कि कभी हम शाबर मंत्र का उच्चारण करते है तो कभी अग्नि पुराण के मन्त्रों का..<br /><br />आपने बहुत सारे वशीकरण मन्त्रों का ज्ञान कराया. क्या एक से ज्यादा वशीकरण मंत्र या वशीकरण क्रिया का प्रयोग करना एक ही व्यक्ति पर एक ही समय वर्जित है.<br /><br />आपका बहुत बहुत धन्यवाद.Chefhttps://www.blogger.com/profile/12303048259115703612noreply@blogger.com